क) मिट्टी की उपयुक्तता, मौसम और पर्याप्त सिंचाई की सुविधा की उपलब्धता
ख) उत्पाद के भंडारण की उपयुक्तता
ग) भण्डारण ईकाई की उपयुक्तता
किसान के घरेलू जरूरतों के लिए पर्याप्त राशि रखते हुए अपेक्षित वृद्धिशील आय अग्रिम की चुकौती के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
नोट -
(i) सीमा तय करते समय शाखाएं किसान के पूरे वर्ष के लिए संपूर्ण उत्पादन की ऋण आवश्यकताओं को लें जिसमें फसलउत्पादन से संबंधित सहायक गतिविधियां जैसे कृषि संबंधी मशीनरी/उपकरण के रखरखाव, बिजली प्रभार आदि की ऋण जरूरतें भी शामिल हैं।
(ii) क्रेडिट सीमा के अंदर उधारकर्ता के सम्बद्ध गतिविधियां और फसलोत्तर क्रेडिट जरूरतें भी मुहैया करवाई जा सकती है।
(iii) कार्ड के अंतर्गत ऋण सीमा जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डीएलटीसी)/राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) की सिफारिशों के अनुसार परिचालन जोत, फसल पद्धति तथा वित्त की मात्रा के आधार पर नियत की जा सकती है। यदि डीएलटीसी/एसएलटीसी ने जहां किसी भी फसल के लिए वित्त की मात्रा की सिफारिश नहीं की है अथवा शाखा के विचार के अनुसार आवश्यक राशि से कम की सिफारिश की गई है तो शाखाएं आंचलिक कार्यालय के विधिवत अनुमोदन के बाद फसल के लिए उचित वित्त की मात्रा तय कर सकते हैं।
(iv) क्रेडिट कार्ड की सीमा तय करने के लिए परिचालन जोत में पट्टा लिए गए जमीन को शामिल किया जाएगा और पट्टा दिए गए जमीन को छोड़ दिया जाएगा।
(v) शाखाएं अपने विवेक के अनुसार स्वीकृत किए गए संपूर्ण क्रेडिट सीमा के अंदर, क्रेडिट आवश्यकताओं पर, मौसम तत्व को लेते हुए, उप-सीमा तय कर सकती है।
क) परिक्रामी नकद ऋण – वार्षिक समीक्षा – किसान सीमा के अंदर चाहे जितने भी आहरण और चुकौती कर सकता है।
ख) समीक्षा के परिणामस्वरूप, उधारकर्ता के निष्पादन के आधार पर, सुविधा जारी रखी जा सकती है, सीमा वर्धित हो सकती है अथवा सीमा रद्द/सुविधा वापस ली जा सकती है।
ग) 12 महीने की अवधि के दौरान खाते में क्रेडिट का कुल कम से कम खाते में अधिकतम बकाया के समान होना चाहिए।
घ) खाते से कोई भी आहरण सामान्य फसल के लिए 12 महीने और गन्ना तथा केले के फसल के मामले में 18 महीने अधिक बकाया नहीं रहना चाहिए।
ड.) प्राकृतिक विपदा के कारण प्रभावित हुए किसानों के चुकौती की अवधि के पुनर्निधारण के मामले में परिचालन की स्थिति को संतोषजनक या अन्यथा के रूप में गिने जाने के लिए अवधि को भी सीमा की वर्द्धित रकम के साथ बढ़ाया जाएगा। जब प्रस्तावित समय विस्तार एक फसली मौसम से अधिक हो तो समय विस्तार दिए गए कुल नामे को वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार चुकौती की किस्तों की शर्तों के साथ पृथक सावधि ऋण खाते में आंतरित किया जाना चाहिए।
च) अच्छे निष्पादन वाले कार्डधारक को प्रोत्साहन उपाय स्वरूप शाखाएं समीक्षा के समय, इनपुट के लागत में वृद्धि/मजदूर, फसल पद्धति में परिवर्तन आदि का ध्यान रखते हुए, उनके क्रेडिट सीमा को बढ़ा सकती है।
क) रु.50,000 तक - डी.पी. नोट, खड़ी फसल का दृष्टिबंधन
ख) रु.50,000 से अधिक - डी.पी.नोट, खड़ी फसल का दृष्टिबंधन, जमीन का बंधक/समर्थक जमानत
नोट -
क) मांग वचन पत्र
ख) संमिश्र दृष्टिबंधक करार का विलेख (सीएचए-1)
ग) प्राधिकार पत्र (एचजी-15)
घ) कृषि-ऋण अधिनियम अथवा साम्यिक बंधक अथवा जमीन का कानूनी बंधक के अनुसार जमीन का चार्ज (सीएचए-4)
ड) गिरवी पत्र (ओडी-159)
च) विविधवत डिस्चार्ज किया हुआ स्टोरेज रसीद की गिरवी
छ) 12 महीने के अंदर अथवा उत्पाद की बिक्री पर अग्रिम की चुकौती का वचन
ज) स्टोरेज ईकाई को बैंक के ग्रहणाधिकार की सूचना
झ) गोदाम/कोल्ड स्टोरेज के मालिक से गिरवी रखे गए स्टोरेज रसीद के प्रस्तुति के बगैर माल सुपुर्द न किए जाने से संबंधित वचन ) एल-515
ट) एल-516 (यदि जरूरत हो)
नोट -
(i) उपरोक्त ड) से झ) तक के दस्तावेज केवल स्टोरेज रसीद पर स्वीकृत उप-सीमा के लिए ही लागू होंगे।
(ii) यदि किसान के परिसर में स्टोर किए गए उत्पाद पर उत्पाद विपणन सीमा का विस्तार किया जाता है तो स्टोर किए गए उत्पाद पर दृष्टिबंधक प्रभार को कवर करने के लिए दृष्टिबंधक विलेख (सीएचए-1) पर्याप्त होगा।
क) डेबिट शेष पर - समय-समय पर प्रधान कार्यालय द्वारा यथा सूचित
ख) क्रेडिट शेष पर - देय ब्याज दर बचत बैंक ब्याज दर के अनुसार होगा और बचत बैंक नियमों का पालन किया जाएगा केवल एक पृथक खाता खोला जाएगा।
क) जहां केवल एक निर्दिष्ट फसल के वित्तपोषण पर विचार किया जा रहा जैसे चीनी के कारखाने के साथ गठ-बंधन कर गन्ने के लिए और किसान ने अन्य बैंक/सहकारी समिति से अन्य फसल के लिए वित्त लिया है, वहां ऐसे किसान को गन्ने की फसल के लिए वित्तपोषित किया जा सकता है बशर्ते प्राप्य राशि (डीयूज) प्रमाणपत्र जमा किया जाए और उसका कोई बकाया नहीं हो। ऐसे मामलों में वित्तपोषण करने वाले अन्य बैंक/सहकारी समिति को हमारी देयताओं के संबंध में सूचित किया जाना चाहिए।
ख) जहां भी फसल बीमा उपलब्ध है वहां कवरेज लिया जाना है।
ग) व्यतिक्रम होने पर इस योजना के अंतर्गत दी गई सुविधाएं तत्काल वापस ली जाए और सीमा को सामान्य फसल वित्तपोषण माना जाए, मोटे तौर पर जिसका अर्थ है –
क) किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा कृषि प्रयोजनों के लिए नकदी ऋण सहायता की प्रकृति में दिए जाने के कारण, इस प्रकार की सुविधा के लिए प्रयोज्य विवेकपूर्ण मानदंड केसीसी के लिए भी लागू होंगे।
ख) अन्य शब्दों में चुकौती की देय तिथि के बाद दो फसली मौसम/एक फसली मौसम (फसल की अवधि के आधार पर) की अवधि के लिए यह अनियमित रहता है तो उस नकदी कार्ड खाते को अनर्जक आस्ति (एनपीए) माना जाएगा।
ग) देय तिथि के बाद फसली मौसम का संबंध उन दो लगातार फसली मौसमों से है जिसमें किसान साधारणत- फसल उत्पादन का कार्य करता है।
घ) किसी खाते को निम्नलिखित परिस्थितियों में अनियमित माना जाएगा
तुलन पत्र की तारीख पर खाते में लगातार दो फसली मौसमों तक कोई क्रेडिट नहीं है। खाते में जो क्रेडिट है वह दो फसली मौसम के खाते में नामे किए गए ब्याज को कवर करने में यथेष्ट नहीं है। तुलन पत्र की तारीख में बकाया दो फसली मौसम की सीमा से निरंतर अधिक रहता है।
प्रस्तावित वीज़ा कार्ड, अर्थात् बीओआई शताब्दी कृषि विकास कार्ड की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार हैं-
पात्रता |
रु. 50,000/- एवं अधिक की फसल ऋण सुविधा/सीसी सुविधा युक्त वाले खाते रखने वाले कृषक जिनका संव्यवहार संतोषजनक हो। |
व्यय सीमा |
कृषक को मंजूर किए गए फसल नकद उधार/सीसी सीमा का 50% अधिकतम रु 50,000/- न्यूनतम रु 25,000/- |
नकद आहरण |
अधिकतम रु 10,000/- प्रतिदिन के नकद आहरण सहित व्यय सीमा का 30% |
चार्ज खाता |
कार्ड जारीकर्ता शाखा में रखा गया फसल ऋण नकद उधार/सीसी खाता चार्ज खाता होगा। |
नकदी आहरण |
ऑनलाइन ऑथरैज़ेशन सहित बैंक शाखाओं व बैंक के तथा ‘BANCS’ एवं ‘CASH TREE’ के वीज़ा एटीएमों से नकदी आहरण |
क) स्टैंड एलोन एटीएम में इस कार्ड का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
ख) यह कार्ड फोटो आईडेंटिटि कार्ड होगा।
ग) क्रेडिट कार्ड विभाग मासिक आधार पर चार्ज स्लिप कार्ड जारी करने वाली शाखा को भेजेगा और कार्डधारक को व्यय सीमा/नकद आहरण सीमा पुन- स्थापित करेगा। अगर शाखा कार्ड में परिचालनों से संतुष्ट न हो ओर कार्ड में समय पर भुगतान नहीं किया गया हो तो शाखा, कार्ड विभाग को कार्ड रद्द करने या उसे हॉटलिस्ट करने के लिए लिख सकती है।
घ) भुगतान में चूक होने पर दाण्डिक/सेवा प्रभाग 1.70% प्रतिमाह के दर से होगा।
ङ) बीमा कवर और अन्य सभी सुविधाएं वही होंगी जो बैंक की वीज़ा क्रेडिट कार्ड योजना में लागू है।
च) कार्ड जारी करने हेतु कोई प्रभार नहीं है। तथापि, कार्ड रद्द किए जाने, गुम हो जाने इत्यादि पर नया कार्ड जारी करने के लिए वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार उचित प्रभारों की वसूली की जाए।
छ) शाखाओं से प्राप्त आवेदनों पर, कार्ड उत्पाद विभाग वर्तमान प्रक्रिया के अनुरुप कार्रवाई करेगा ओर अन्य क्रेडिट कार्ड जारी करने जिस प्रक्रिया का पालन किया जाता है उसी प्रकार कृषकों को क्रेडिट कार्ड जारी करेगा
क्रेडिट कार्ड के प्रयोग के संबंध में शाखा परिपत्र क्र. 98/170 दिनांक 19.11.2004 द्वारा सूचित वर्तमान दिशानिर्देश इस कार्ड पर भी लागू होंगे। वर्तमान “ICD 14 Rev-2004” फॉर्म पर “बीओआई शताब्दी कृषि विकास कार्ड” की रबड की मोहर लगाकर या हाथ से लिखकर एवं उस फार्म में ज़रा परिवर्तन करके उसका प्रयोग संदर्भित कार्ड के लिए किया जा सकता है।
शाखाओं को अत्यधिक संख्या में कृषि निविष्टि डीलरों, पशु-चारा डीलरों, सिंचाई उपकरण के डीलरों इत्यादि तथा उस क्षेत्र में ग्रामीण जनता की दैनंदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले अन्य प्रमुख डीलरों व आपूर्तिकर्ताओं जैसे कपडा व्यापारियों, दवाई की दुकानों, बडे दुकानदारों को मेम्बर एस्टैब्लिशमेंट के रुप में शामिल करना चाहिए ताकि यह कार्ड अत्यधिक सफल हो।
कृषकों द्वारा इस कार्ड के बेहतर उपयोग से शाखाओं का गैर-ब्याज आय बहुत बढ़ेगा और यह उपयोग केवल शाखाओं के मेम्बर एस्टैब्लिशमेंट नेटवर्क पर निर्भर होगा।
संदर्भित कार्ड का विपणन करने पर स्टाफ सदस्यों को प्रोत्साहन उपलब्ध है।
उत्पादन ऋण व्यवस्था
निवेश ऋण व्यवस्था
नोट-
बड़े वित्तीय परिव्यय के साथ परियोजना को इसकी अपनी तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता और योग्यता के आधार पर स्वतंत्र रूप से विचार किया जाना चाहिए ।
ऋण सीमा की मात्रा किसान की आय तथा खाते पर चार्ज प्रतिभूती के आधार पर निम्नानुसार परिकलित की जाएगी -
अ ) खेती से प्रत्याशित शुद्ध वार्षिक आय का 10 गुना (अगले पांच साल के लिए औसतन), इसमें खेती के प्रकार , खेती के क्षेत्रफल, वित्त पैमाना तथा प्रस्तावित नई गतिविधियों / संबद्ध गतिविधियों से आय को ध्यान में रखाना होगा । या"
ख) एलआईसी पॉलिसी का असाइनमेंट जैसी जमानत सुरक्षा और अन्य प्रतिभूतियों (समर्पण मूल्य), एनएससी / बैंक टीडीआर / सोने के गहने (चल संपत्ति बैंक वित्त से बाहर जाये ) की प्रतिज्ञा के रूप में गिरवी जमीन के मूल्य का 100% "या"
ग) एलआईसी पॉलिसी का असाइनमेंट (समर्पण मूल्य) जैसी जमानत सुरक्षा और अन्य प्रतिभूतियों की 100% मूल्य, एनएससी / बैंक टीडीआर / सोने के गहने (चल संपत्ति बैंक वित्त से बाहर नहीं जाये) की प्रतिज्ञा के रूप में गिरवी जमीन के मूल्य के 70%
- या तो (क) और (ख) जो भी चल संपत्ति बनाई गई हैं, जहां कम है
- या तो (क) और (ग) जो भी चल संपत्ति नहीं बनाई गई हैं, जहां कम है
नोट-
अ) उत्पादन ऋण व्यवस्था
कुल सीमा के 30 से 50% खेती की उन अल्पावधि खर्चों को पूरा करने में लगाना है जैसे परिक्रामी कैश क्रेडिट लिमिट / या कोई उप सीमा , यदि कोई हो (फसल की खेती, कार्यशील पूंजी की जरूरत गतिविधियों, खपत की जरूरत है, आदि)। क्रेडिट सीमा की उत्पादन लाइन को लागत में वृद्धि , क्षेत्र में विस्तार, फसल पद्धति में परिवर्तन, आदि की देखभाल के लिए हर साल 10% तक बढ़ाया जाएगा ।
आ) निवेश ऋण व्यवस्था
कुल सीमा का 50 से 70% निवेश क्रेडिट के सावधि ऋण के उद्देश्य से मार्क किया जाएगा । जो प्रतिवर्ष कम होता जाएगा ।
इ ) कृषि और उससे संबंधित गतिविधियों से संबंधित विशेष उद्देश्य के लिए आपातकालीन ऋण
मूल सीमा के 20% की सीमा (कृषि प्रयोजन के लिए ऋण और क्रेडिट के निवेश लाइन की उत्पादन लाइन) तक, अधिकतम 50,000 /जो किसान की वास्तविक जरूरत का पता लगाने के बाद निधारित की जाएगी जिसके लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ उपयुक्त स्तर के सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी ली जानी चाहिए ।
नोट
1 ) किसान समाधान कार्ड के तहत समग्र ऋण आवश्यकताओं पर पहुंचने के बाद, शाखाये सुनिश्चित करें कि ऋण के कुल घटक , खपत लोन + व्यक्तिगत ऋण + आपातकालीन ऋण , कुल ऋण सुविधाओं से 25% से 30% से अधिक नहीं होना चाहिए।
2 ) व्यक्तिगत ऋण चुकौती के लिए उपलब्ध शुद्ध अधिशेष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए।
3 ) ऋण और क्रेडिट के निवेश लाइन के उत्पादन लाइन के तहत सीमा पर पहुंचने के लिए, शाखायें फसल ऋण या निवेश के उद्देश्य से नाबार्ड / एसएलबीसी द्वारा अनुमोदित इकाई लागत पर जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा अनुमोदित इकाई लागत मानदंडों का पालन करना चाहिए. शाखायें ध्यान दें कि इकाई लागत तय नहीं हैं और वे खेत में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं और किसानों की प्रवीणता के स्तर के आधार पर 10% से 15% भिन्न हो सकते हैं।
4 ) शाखायें समय की अवधि में मुद्रास्फीति/लागत में वृद्धि की दिशा में अतिरिक्त 10% से 15% अनंतिम लागत पर विचार कर सकती है ।
प्रस्ताव उपयुक्त प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना है जिसमें सीमा शक्तियों के प्रत्यायोजन का अधिकार उप सीमा (उत्पादन ऋण और निवेश ऋण) / कुल पर मौजूदा दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा सकता है ।
1. क्रेडिट सीमा के नियमित उत्पादन लाइन के लिए कोई विशेष मार्जिन निर्धारित नहीं है और नियमित कैश क्रेडिट सुविधा के रूप में किसानों को सीमा उपलब्ध कराई जा सकती है ।
2. निवेश ऋण पर, लागत / कुल निवेश का 15 से 25% मार्जिन योगदान दिया जाना चाहिए । योग्य मामलों में, 10% मार्जिन की अनुमति दी जा सकती है ।
3. मार्जिन पर आरबीआई के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए ।
1. ऋण की सीमा मूल्य सुरक्षा और अनुमानित औसत वार्षिक कृषि आय पर आधार है, शाखओं को गंभीर रूप से कृषि आय का आकलन करना चाहिए ।
2. यदि एक बार उधारकर्ता की ऋण चुकाने की क्षमता का आकलन कर लिया जाता है, तो किसान के चुनाव के आधार पर निवेश की प्राथमिकताओं की आवश्यकताओं की अनुमति दी जायेगी ।
3. शाखाओं को चाहिए कि किसानों को आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन प्रदान करें ।
4. बड़े वित्तीय परिव्यय निवेश परियोजना के मामले में, उधारकर्ता को शाखा से पूर्व मंजूरी लेले लेनी चाहिए ।
स्टार भूमिहीन किसान कार्ड (स्टार बीकेसी) का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन गतिविधियों से अपनी आय बढ़ाने में मद्द करने के लिए काश्तकार, शेयर फसल उत्पादकताओं और मौखिक पट्टेदार की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छोटी अवधि के उत्पादन और खपत क्रेडिट के लिए आसान पहूंच प्रदान करना है।
क) इस योजना के तहत शाखाएं स्टार बीकेसी, काश्तकार शेयर क्रॉपर व मौखिक पद्देदारों के लिए जो अल्पावधि ऋण की मंजूरी के लिए पात्र हैं जारी कर सकती हे।
ख) आवेदक स्वयं सहायता समूह या एक किसान क्लब या नाबार्ड की अनुमोदित सूची से होना चाहिए जो एक प्रतिष्ठित गेर सरकारी संगठन द्वारा प्रयोजित शाखा के परिचालन क्षेत्र से होना चाहिए।
ग) एसएचजी/किसान क्लब/गैर सरकारी संगठन की बैठक आयोजित कर पात्रता जांच करें व इसे पूर्व मंजूरी निरीक्षण रिपोर्ट में शामिल कर लें।
घ) मायगरेटरी (प्रवासी) टिलर योजना के अंतर्गत पात्र नहीं हैं।
आवेदक सेवा शाखा के क्षेत्र से होना चाहिए और उसकी पहचान निम्न स्त्रोतों में से किसी एक या अधिक के माध्यम से सत्यापित की जानी चाहिए -
i.आवेदक के घर से संबंधित दस्तावेज,
ii.रेशन कार्ड और
iii.मतदाता सूची/पहचान कार्ड
उन्नत बीज की खरीद और उर्वरक, पौघ संरक्षण सामग्री, ट्रैक्टर के किराये शुल्क के भुगतान, सिंचाई शुल्क , बिजली शुल्क आदि और भी खपत जरूरतों के हिस्सों को पूरा करने के लिए।
क)शेयर फसल के लिए या मौखिक पट्टा और पैमाने आधार पर या किरायेदारी पर ली गयी भूमिक्षेत्र के लिए रू. 24000/-
ख)अतिरिक्त रू. 1000/- खपत की जरूरत के लिए।
ग)कार्डधारक द्वारा अनुरोध पर तीन साल के खाते के संतोषजनक आचरण पर सीमा बढ़ाई जा सकती है।
क)योजना के तहत आनेवाले किसानों के लिए एक क्रेडिट कार्ड सह पास-बुक जो नाम, पता, उधार सीमा/उप सीमा, वैधता अवधि, आदि सहित जारी किया जाएगा जो लेन देन के रेकार्ड हेतु होगा। लाभार्थी का पास पोर्ट साईज फोटो पहचान हेतु होगा।
ख)खाता संचालन के समय लाभार्थी किसान अपना पास बुक दिखाए ।
ग)केसीसी के उपयोग में कार्ड व पास बुक का उपयोग स्टार बीकेसी के लिए होगा। जबकि ‘स्टार बीकेसी ’ की मोहर पासबुक के मुख्य पृष्ठ पर लगी होगी ।
स्वीकृति प्राधिकारी
प्रत्यायोजित अधिकारों के अनुसार
क)परिक्रामी नकद ऋण – वार्षिक समीक्षा किसान को सीमा के भीतर आहरण और भुगतान की किसी भी संख्या की अनुमति
ख)समीक्षा - उधारकर्ता के प्रदर्शन पर निर्भर करती है जैसे , सीमा में वृद्धि या रद्द करना, या सुविधा को अनिरंतर करना ।
ग)12 महिनों की अवधि के दौरान खाते में अधिकतम बकाया को बराबर करने के लिए क्रेडिट होना चाहिए।
घ)खाते में कोई आहरण सामान्य फसलों के लिए 12 माह से अधिक नहीं होना चाहिए और केले और गन्ने की फसलों के मामले में 18 महिने से अधिक न हो।
प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावि किसानों के लिए पुनर्भुगतान की अवधि के रिशेडयूलमेंट के मामले में संतोषजनक या अन्यथा रूप में परिचालन की स्थिति की गणना के लिए अवधि सीमा की विस्तारित राशि के साथ एक साथ बढ़ाया जाएगा। प्रस्तावित विस्तार जब एक फसल के मौसम से परे दिया जाए तो कुल मौजुदा डेबिटस् जिनके लिए विस्तार दिया गया है उन्हें एक अलग अवधि के ऋण खाते में स्थानांतरित किया जाएगा जिसकी भुगतान शर्तें मौजुदा दिशा निर्देशों के अनुसार होगी ।
ङ)अच्छे प्रदर्शन वाले कार्ड धारकों के लिए प्रोत्साहन के एक उपाय के रूप में शाखा अपनी समीक्षा के समय रू. 25000/- तक की अधिकतम क्रेडिट सीमा में वृद्धि फसल पद्धति में परिवर्तन, आदानों/श्रम आदि की लागत में वृद्धि को मद्देनज़र रखते हुए कर सकती है ।
नकद ऋण खाते में जमा शेष पर दर और बचत बैंक के नियम पर ब्याज दिया जाए ताकि ऋणदाता अधिशेष धन फसल व विपणन के समय जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
शून्य
क) डी.पी. नोट
ख) सीएचए – 1
स्रोत: बैंक ऑफ इंडिया
अंतिम बार संशोधित : 10/20/2019
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