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पशुपालन से पिता का सपना हुआ साकार

परिचय

श्री संजीव कुमार सपुत्र श्री कली राम निवासी पोल्ट्री एरिया, नीलोखेडी, जिला करनाल ने सन 2002 में कृषि विज्ञानं केंद्र रा.डे.अनु.सं. करनाल से डेरी प्रबन्धन नामक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण लेने के बाद श्री संजीव कुमार ने पहले कृषि विज्ञानं केंद्र की मदद से  प्रोजेक्ट बनवाकर 63,000 रु. बैंक लोन लिया व सितम्बर 2002 में 3 भैसों से डेरी पालन का कार्य आरंभ किया। अब उनके पास 12 भैसें हैं जिनका दूध बेचकर वे अपनी आजीविका चलाते हैं।

मुर्राह भैंस

12


पशु प्रबंध

श्री संजीव कुमार पशुओं के लिए  250 वर्ग गज के प्लाट में उचित आवास व्यवस्था है साथ ही पशुओं को काफी खुला स्थान भी दिया गया जहाँ पशु समय-समय पर आराम कर सकें व् घूम सकें। पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए खुर पका मुहँ पका वैक्सीन प्रति वर्ष दो बार व गलघोंटू वैक्सीन प्रति वर्ष एक बार लगाई जाती है। पशुओं की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। पशुओं के लिए साफ पानी की व्यवस्था है।

श्री संजीव कुमार अपने पशुओं का अधिक से अधिक हरा चारा उपलब्ध कराते हैं  जिसके लिए वे जमीन ठेके पर लेते हैं।उचित मात्रा में  स्वयं बनाकर दाना उपलब्ध कराते हैं। उनका मानना है कि यदि पशुओं की उचित सफाई रखी जाये और उचित मात्रा में संतुलित आहार उपलब्ध कराया जाए तो पशुओं में बीमारियों स्वयं ही कम हो जाती है। वे अपने पशुओं को अन्तः परजीवी व बाह्य परजीवियों से बचाने के की समय-समय पर उचित दवाइयों का प्रयोग करते हैं।

पशु प्रजनन

श्री संजीव कुमार  ने अपने भैसों को  गर्भाधान से गाभिन कराने के लिए अच्छी क्वालिटी का सांड रखा हुआ है। आवश्यकता पड़ने पर वे राष्ट्रीय डेरी अनुसन्धान संस्थान, करनाल से भी हिमकृत  वीर्य प्राप्त करते हैं।

दूध उत्पादन एवं इससे आर्थिक लाभ

श्री संजीव कुमार को अपनी भैसों से  प्रतिदिन औसतन 60-65  लीटर दूध दूध प्राप्त होता है जिसे  वे 16.00 रु. किलो बेचकर ये प्रतिदिन 1000 रु. प्राप्त करते हैं। इस प्रकार श्री संजीव कुमार  प्रतिमाह भैंस पालन से लगभग 10000-12000 रु, प्रतिमाह पशुपालन से शुद्ध लाभ कमाते हैं।

स्त्रोत:  कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार

 

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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