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परिवर्तन के लिए कार्यरत

परिवर्तन के लिए शुरूआत

पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लाखों ऐसे रोगों से पीड़ित होते हैं या मर जाते हैं जिन्हें, अगर उनकी अच्छे स्वास्थ्य सेवा तंत्र तक पहुँच होती तो, आसानी से रोका या उनका उपचार किया जा सकता था। जिन जगहों पर स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हैं, वहां भी अनेक अड़चन महिलाओं, विशेषकर गरीब महिलाओं, को उनका उपयोग करने में बाधक होती है।

लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारी तथा महिलाओं के समूह-एक-साथ काम करके स्वास्थ्य सेवा तंत्र को बदल सकते हैं। वे उसको महिलाओं के लिए अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए एक अवरोध नहीं, बल्कि एक संसाधन बना सकते हैं। तदापि स्वास्थ्य सेवा तंत्र अपने आप नहीं बदलेगा। यह तभी बदलेगा जब लोग ऐसी मांग करेंगे और स्वास्थ्य सेवा तंत्र को सभी लोगों की आसान पहुँच में लाने के लिए कुछ नए-नए सुझाव देंगे।

स्वास्थ्य सेवा तंत्र को बदलने की शुरुआत करने की एक अच्छी जगह है अपने समुदाय के लोगों को प्रभावित करने वाली स्थानीय स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में परिचर्चा करना। अन्य पुरुषों व महिलाओं के साथ यह परिचर्चा करे और उसमें देखभाल तक पहुंच की कमी हो भी शामिल करें।

महिलाएं पुरुष स्वस्थ्य कर्मचारियों से खुलकर बातचीत नहीं कर पाती हैं – और अधिकतर स्वास्थ्य कर्मचारी पुरुष ही होते हैं । वे अपने लक्षणों और समस्याओं का ठीक से बयान नहीं कर पाती हैं। आम तौर पर महिला अपने लिए स्वास्थ्य सेवाओं का प्रयोग सबसे अन्त में करती हैं और वह भी तब जब वह अत्यधिक बीमार हो। उस स्थिति में शायद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उसकी सहायता न कर पाए और उसे विशिष्ट सेवाओं व देखभाल की आवश्यकता पड़ेगी।

मिलकर कार्य करना

महिलाएं साथ-साथ यह सब करने के लिए भी कार्य कर सकती है :

  • समुदाय के हर सदस्य की महिलाओं की, स्वास्थ्य समस्याओं को समझने में सहायता करें। उदहारण के तौर पर आप यह समझाने के लिए एक अभियान चला सकती हैं कि महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व, प्रसव तथा प्रसव पश्चात की देखभाल महत्पूर्ण क्यों है ? अगर महिलाओं और उनके परिवारों को को महिलाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के बारे में पता है तो काफी सम्भावना है कि महिलाएं पहेल से मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करेंगी। इसकी भी काफी सम्भावना है कि वे नई सेवाओं, जैसे कि प्रजनन तंत्र संक्रमण का उपचार और गर्भाशय ग्रीवा तथा स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग की बेहतर सुविधाओं के उपलब्ध कराने की मांग करें ।
  • स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में हर महिला में मौजूद ज्ञान की भागीदारी करने के लिए अनौपचारिक समूह बनायें। महिलाएं समुदाय में पहले से ही अधिकांश “स्वास्थ्य कार्य” करती हैं उदहारण के तौर पर, आम तौर पर महिलाएं ही रोगियों का ध्यान रखती है, बच्चों को स्वस्छ रहना सिखाती है खाना बनती है, घर व समुदाय को साफ़ व सुरक्षित रखती है और अन्य महिलाओं की प्रसव में सहायता करती हैं। इस प्रकार के कार्यों के माध्यम से उन्होंने अनेक दक्षताएं सीखी हैं जिनकी वे एक दुसरे की तथा समुदाय के प्रत्येक सदस्य की देखभाल करने में अच्छा प्रयोग कर सकती है।
  • क्षेत्र की महिलाओं द्वारा पालन की जाने वाली स्थानीय रीतियों व रिवाजों को पहचाने। इनमें से जो हानिकारक हैं उनको रुकवाएं और जो लाभकारी है उनको प्रोत्साहित करे।
  • देखें किस प्रकार मौजूदा स्वास्थ्य संसाधनों के सुधारा जा सकता है उदाहरण के तौर पर किस प्रकार पारम्परिक दवाईयां नहीं दक्षताओं में प्रिशिक्षित हो सकती हैं ? उन्हें किस प्रकार समर्थन दिया जा सकता है ?
  • इस पर परिचर्चा करे कि स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध क्यों नहीं है और उन्हें उपलब्ध कराने के लिए क्या नए तरीके अपनाये जा सकते हैं। उन स्वस्थ्य सेवाओं के बारे में सोचना महत्वपूर्ण है जिन्हें आप पाना चाहती हैं, केवल मौजूदा सेवाओं के बारे में सोचना ही काफी नहीं है। अगर पहले से ही कोई स्वास्थ्य कर्मचारी हैं तो क्या उसे और प्रशिक्षण व समर्थन दिया जा सकता है ? क्या स्वास्थ्य केन्द्रों तक आने-जाने के लिए यातायात उपलब्ध है ?
  • यद्यपि गांव से केवल 4 कि० मी० दूर एक बड़ा सरकारी अस्पताल स्थित था, तदापि गांव वाले वहां नि:शुल्क दी जा रही सेवाओं को विरले ही प्रयोग करते थे । इसका एक कारण गांव से अस्पताल या उसके आस-पास तक सीधी बस न होने । महिलाओं के लिए तो यह और भी कठिन था कि पहले डेढ़ कि० मी० पैदल चलकर बस स्टॉप तक पहुचे और फिर अस्पताल को ओर जाने वाली अकेली एक बस की डेढ़ घंटा प्रतीक्षा करें। तत्पश्चात बस से उतरकर अस्पताल पहुंचने के लिए उन्हें एक-डेढ़ घंटा फिर पैदल चलना पड़ता था। अस्पताल पहुंच कर ओ०पी०डी० रजिस्ट्रेशन, परिक्षण , रक्त परीक्षणों व दवाईयों प्राप्त करने के लिए फिर घण्टों प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। अस्पताल पहुचने में जितना समय लगता है था, उतना ही समय वापस घर पहुंचने में बर्बाद हो जाता था।
  • आवश्यकताओं पर आधारित महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम संगठित करें जैसे की प्रजनन तंत्र के संक्रमण का उपचार, एस.टी.डी का उपचार, किशोरों, नवदम्पतियों तथा नि:संतान दम्पतियों की समस्याओं के लिए कार्यक्रम।

सेवा रूरल : एक सफल कहानी

सेवा रूरल : महिलाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति की एक कोशिश

सेवा रूरल नामक संस्था भारत में गुजरात राज्य को भड़ौच जिले के आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य व विकास कार्य में रत है। समुदाय में स्थित अस्पताल लगभग 1500 गावों से रोगियों को आकर्षित करता है । व्यापक समुदायिक स्वास्थ्य परियोजना में 40000 की जनसंख्या वाले 30 गांवों में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा समेकित बाल विकास योजना सम्मिलित है। प्रशिक्षण तथा अनुसंधान की गतिविधियों सामुदायिक आवश्यकताओं की अनुरूप कार्यक्रम को ढालने में सहायक होती है। महिलाओं का स्वास्थ्य स्तर सुधरने के लिए 15 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए कई गतिविधियाँ की गई हैं। उनमें शामिल है  :

  • समुदाय से लेकर तृणमूल स्तर के कार्यकर्ताओं (दाइयां, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य करायार्ताओं आदि) को सबल बनाना
  • पहले से ही स्टरिलाईजड प्रसव पैक्स तथा सामुदायिक शिक्षा के लिए पिक्चर कार्ड के प्रयोग को बढ़ावा देना ।
  • महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल में पुरुषों व अन्य परिवार जानो के भागीदारी बढ़ाने के लिए- जोखिम वाली आबादी को विशेष सेवाएं देने तथा समुदाय से सेवाओं के बारे में फीड-बैंक प्राप्त करने के लिए पोस्टकार्ड प्रणाली शुरू करना
  • प्रथमि क स्वास्थ्य केंद्र, समेकित बाल विकास योजना व किशोरों, नव-विवाहितों तथा नि:संतान दम्पतीयों के लिए योजनाओं को समेकित करना ।
  • उचित व पर्याप्त रैफरल समर्थन प्रदान करना
  • एस टीडी/ एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों को लागू करने का प्रयास करना ।

स्त्रोत

  • ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान,राँची

अंतिम बार संशोधित : 2/6/2020



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