भारत के बुजुर्ग पुरुषों की दो-तिहाई आबादी और बुजुर्ग महिलाओं की 90-95 फीसदी आबादी निरक्षर है और उनकी बड़ी संख्या, विशेषकर महिलाएं अकेली है। इसलिए आर्थिक निर्भरता का स्तर काफी ऊंचा है।
भारत में बुज़ुर्गों की बेहतर स्थिति को बढ़ावा देने वाले सकारात्मक पहलुओं में एक परिवार के सदस्यों का उनके साथ गहरा जुड़ाव है। ऐसे लोग जो अपने बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी नहीं उठा पाते उनपर सामाजिक दवाब बना रहता है। इसलिए इन मूल्यों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण हो जाता है। परिवार के बुज़ुर्गों को मानव संसाधन के तौर पर देखा जाना चाहिए तथा उनके समृद्ध अनुभवों का उपयोग देश की ज्यादा से ज्यादा विकास में करना चाहिए। सरकार द्वारा उनके स्वस्थ एवं सार्थक जीवन की क्षमता को सुनिश्चित किये जाने के प्रयास जारी हैं।
इस योजना के अंतर्गत निम्न शर्तों के अनुसार केंद्रीय सहायता उपलब्ध है:
६०-७९ की उम्र के वृद्धों के लिए ३०० रुपये प्रतिमाह और ८० साल की उम्र और उससे ऊपर के वृद्ध लोगों को ५०० प्रतिमाह पेंशन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया जो २०१२ के बजट में परिवर्तित राशि के अनुसार है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली सरकार द्वारा किया ऐसा प्रयास है जिसमें पर्याप्त सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने की समस्या का स्थायी समाधान खोजने में सरकार की सीधे तौर पर सहायता का लाभ प्राप्त होता है।
नई पेंशन योजना एक आसानी से सुलभ, कम लागत, कर-बचत, लचीली और पोर्टेबल सेवानिवृत्ति बचत खाता है। जिसके तहत तहत, व्यक्ति को अपने सेवानिवृत्ति के खाते के लिए योगदान देना होता है और कार्यस्थल का नियोक्ता भी व्यक्ति की सामाजिक सुरक्षा/कल्याण के लिए सह योगदान कर सकते हैं।
9 अगस्त 2010 को भारत सरकार ने गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा विशेष रूप से कमजोर वर्गों सहित समाज के सभी वर्गों को वृद्धावस्था सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए नई पेंशन योजना को मंजूरी दी और उसके बाद यह योजना पूरे देश में स्वावलंबन योजना से लागू की गई। इस योजना के तहत गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों को अपनी वृद्धावस्था के लिए स्वेच्छा से बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना में केंद्र सरकार लाभार्थियों के एनएफएस खाते में प्रति वर्ष 1000 का योगदान करती है।
स्वावलंबन योजना के अनुसार प्रति वर्ष 10 लाख लोगों को योजना के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसकी शुरुआत वर्ष 2010-11 हुई और वर्ष 2013-14 इसका समय निर्धारित किया गया और ऐसा अनुमानित है कि यानि कुल 40 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे। योजना में लोगों की सदस्यता और संचालन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेंशन कोष नियमन और विकास प्राधिकरण (PFRDA – Pension Fund Regulatory and Development Authority) को करीब 100 करोड़ की सहायता देने को भी मंजूरी दी थी।
ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि भारत में गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों का एक बड़ा-लगभग 30 करोड़ है जो आय का नियमि और पर्याप्त जरिया न होने की वज़ह से वृद्धावस्था में अनेक आर्थिक असमर्थता का शिकार हो जाता है गैर-संगठित क्षेत्र में कार्य करने से उसे संगठित क्षेत्र की पेंशन योजना के फायदे सहित अनेक लाभ नहीं मिल पाते हैं। इसीलिए इस योजना इस लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था सहायता में बचत के लिए प्रेरित करना है।
स्वावलंबन योजना
शुरुआत
लक्षित समूह
योगदान राशि
सभी नागरिकों के लिए मॉडल |
श्रेणी-I |
श्रेणी- II |
खाता खोलते समय निम्नतम राशि |
500 रुपये |
1000 रुपये |
खाते पर योगदान की जाने वाली निम्नतम राशि |
500 रुपये |
250 रुपये |
पूरे वर्ष के लिए योगदान की जाने वाली राशि |
6000 रुपये |
2000 रुपये |
योगदान की जाने वाली राशि की संख्या-वर्षवार |
एक साल में एक बार |
एक साल में एक बार |
अधिक जानकारी के लिए चाहे तो नीचे दिये गये टोल फ्री नं.पर फोन कर सकते हैं।
सरकार द्वारा प्राप्त सहायता राशि
प्रान कार्ड(PRAN)
आप चाहे तो नियामक द्वारा शुरु किये गये टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर ज्यादा जानकारी ले सकते हैं और एसएमएस पर मैसेज कर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
अंतिम बार संशोधित : 2/6/2023
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