क) कर प्रशासन सूचना के हस्तांतरण के लिये साधन है
ख) कर प्रशासन के अनुपालन का सत्यापन कार्यक्रम है
ग) निर्धारित सीमित अवधि के भीतर करदाता की कर देनदारियों को अंतिम रूप देना, एक निश्चित अवधि के लिए कर देनदारी की घोषणा करना,
घ) नीतिगत निर्णय लेने के लिए आवश्यक जानकारियां प्रदान करना,
ड) कर प्रशासन के लेखा परीक्षा और करचोरी विरोधी कार्यक्रमों का प्रबंधन ।
जी.एस.टी. के अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत व्यक्ति को किसी न किसी प्रारूप में रिटर्न दायर करना होगा। पंजीकृत व्यक्ति को या तो मासिक (सामान्य आपूर्तिकर्ता) या तो तिमाही आधार (संयोजन योजना के विकल्प लेने वाले आपूर्तिकर्ता) पर रिटर्न दायर करना होगा। आई.एस.डी. को उस माह के दौरान वितरित किए गए क्रेडिट का विवरण दिखाते हुए मासिक रिटर्न फाइल करना होगा । कर की कटौती हेतु व्यक्ति (टी.डी.एस.) एवं कर वसूली हेतु व्यक्तियों (टी.सी.एस) को भी जैसा भी निर्धारित हो कटौती की गई/वसूल की गई राशि एवं अन्य विवरण दिखाने वाले मासिक रिटर्न भी फाइल करना होगा। एक अनिवासी कर आरोप्य व्यक्ति को भी किए गए कार्य अवधि हेतु रिर्टन फाइल करना होगा।
एक सामान्य पंजीकृत करदाता को एक महीने में की गई विभिन्न प्रकार की जावक आपूर्तियों के संबंध में आपूर्ति के विवरण जी.एस.टी.आर.-1 में दाखिल करने होंगे, यथा पंजीकृत व्यक्तियों को की गई जावक आपूर्तियां, गैर-पंजीकृत व्यक्तियों (उपभोक्ताओं) को की गई जावक आपूर्तियां, क्रेडिट/डेबिट नोट्स के विवरण, शून्य मूल्यांकित, छूट प्राप्त और गैर-जी.एस.टी. आपूर्तियां, निर्यात, और भविष्य की आपूर्ति के संबंध में प्राप्त अग्रिम राशि।
नहीं। चालान/बिलों की स्कैन की गई प्रतिलिपी को अपलोड नहीं किया जाएगा। चालान/बिलों के केवल कुछ पूर्व निर्धारित हिस्सों को अपलोड करने की आवश्यकता है।
नहीं। यह इस पर निर्भर करता है कि क्या बी2बी या बी2सी और क्या वह अंतर-राज्य या राज्य के भीतर की गई आपूर्तियां हैं।
बी2बी की आपूर्तियां, सभी बिलों/चालानों, चाहे वह अंतर-राज्य या राज्य के भीतर की आपूर्तियां हैं, उन्हें अपलोड करना होगा। ऐसा क्यों? क्योंकि आईटीसी प्राप्तकर्ताओं द्वारा लिया जाएगा, जिसके लिये चालान/बिलों का मिलान किया जाना आवश्यक है।
बी2सी आपूर्तियां, इसके अंतर्गत आमतौर पर अपलोडिंग करना करेगा। हालांकि गंतव्य आधारित सिद्धांत लागू करने के क्रम में, अंतर-राज्य बी2बी की आपूर्ति में 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य के चालान/बिल अपलोड करने होंगे। राज्य के भीतर चालानों/बिलों के लिए 25 लाख रुपये और सभी राज्यों के भीतर राज्य चालान/बिलों के, राज्यवार सारांश प्रस्तुत करना पर्याप्त होगा।
नहीं। वास्तव में विवरण अपलोड करना आवश्यक नहीं होगा । वस्तुओं की आपूर्ति के संबंध में केवल एचएसएन कोड सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में लेखा कोड भरना पड़ेगा। रिटर्न दायर करने वाला व्यक्ति द्वारा कितने न्यूनतम अंक अपलोड करने होंगे यह उसके पिछले साल के कारोबार पर निर्भर करेगा:
हाँ। न केवल मूल्य बल्कि कराधीन मूल्य भी भरना होगा। कुछ मामलों में दोनों अलग-अलग हो सकते हैं। किसी मामले में यदि कोई प्रतिफल नहीं है, लेकिन यह अनुसूची 1 के आधार पर आपूर्ति है, कराधीन मूल्य को अपलोड करना होगा।
हाँ, प्राप्तकर्ता अपने आप चालान/बिलों को भर सकता है यदि उसके आपूर्तिकर्ता द्वारा उन्हें अपलोड नहीं किया गया। ऐसे चालानों/बिलों पर भी अस्थाई क्रेडिट (प्रोविजनल क्रेडिट) प्रावधिक क्रेडिट दिया जाएगा लेकिन उनका मिलान होना आवश्यक है मिलान हो जाने पर, यदि चालान/बिल आपूर्तिकर्ता द्वारा अपलोड नहीं किया है, उन दोनों को सूचित कर दिया जाएगा। यदि त्रुटि क सुधारा गया है, अस्थाई क्रेडिट (प्रोविजनल क्रेडिट) की पुष्टि कर दी जाएगी । पर यदि इनका बेमेल कायम रहता है, तो ऐसी असंगति क सूचना मिलने के बाद वाले महिने के रिर्टन में प्राप्तकर्ता के उत्पाद कर देयता की राशि में जोड दिया जाएगा।
जबकि जी.एस.टी.आर-2 के एक बड़े हिस्से में विवरण स्वत: ले लिये जाएंगे, वहाँ कुछ ऐसी जानकारियां हैं जिन्हें केवल प्राप्तकर्ता ही भर सकता है जैसे आयात के विवरण, गैर-पंजीकृत व्यक्ति से खरीदारी के विवरण या संरचना आपूर्तिकर्ता (कम्पोजीशन सप्लायर्स ) छूट प्राप्त/गैर-जी.एस.टी./ शून्य जी.एस.टी. आपूर्तिकर्ता आदि।
अगर जी.एस.टी.आर-2 में चालान/बिल विपरीत पक्ष के जी.एस.टी.आर.-1 के चालान/बिल के साथ मिलान नहीं खाता तब इस बेमेल के विषय में, आपूर्तिकर्ता को सूचित किया जाएगा। यदि दोनों पक्ष को सूचित करने के बाद भी अगर त्रुटि/बेमेल में सुधार नहीं किया गया तो आई.टी.सी. को उलट दिया जाएगा। बेमेल दो कारणों से हो सकता है। सबसे पहले, यह प्राप्तकर्ता के पक्ष में गलती की वजह से हो सकता है, और इस तरह के मामले में आगे किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। दूसरे, इसकी संभावना हो सकती है कि कथित आपूर्तिकर्ता द्वारा चालान/बिल जारी किया गया था लेकिन उसने वह अपलोड नहीं किया और उसपर कर का भुगतान नहीं किया है। ऐसे मामले में, आपूर्तिकर्ता के विरूद्ध वसूली की कार्रवाई की जाएगी। संक्षेप में, यदि आपूर्तिकर्ता द्वारा आपूर्ति की गई है लेकिन उसने कर का भुगतान नहीं किया है तब सभी बेमेल, कार्यवाही में परिणत होंगे ।
किसी भी चरण पर, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष की सितंबर से पहले, आपूर्तिकर्ता अपने जी.एस.टी.आर-3 के उस महीने जब वह बिल/चालान को अपलोड करने के बाद इस तरह के छूट गये चालान/बिल पर शुल्क और ब्याज का भुगतान कर सकता है। इस प्रकार प्राप्तकर्ता को उस चालान/बिल पर स्वचालित रूप से आईटीसी का लाभ प्राप्त हो जाएगा । व्युत्क्रमण (रेवेर्सल) के समय जी.एस.टी.एन. को स्वचालित प्रणाली की माध्यम से प्राप्तकर्ता द्वारा ब्याज के भुगतान की राशि को भी वापस लौटा दिया जाएगा। प्राप्तकर्ता उत्पाद कर दयित्व को उस हद तक कम करने के लिए योग्य होगा, जिस राशि के लिए आपूर्तिकर्ता ने बेमेल में सुधार किया है। वियर्यन के दौरान प्राप्तकर्ता द्वारा चुकाएँ गये ब्याज को भी उसके इलेक्टानिक नकद लेजर में संबंधित मद में जमा करवाकर प्राप्तकर्ता को वापस किया जाएगा ।
जी.एस.टी.आर-2 की खास विशेषता यह है कि एक प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त की गई आपूर्ति के विवरण स्वचालित आधार पर विपरीत पक्ष द्वारा जी.एस.टी.आर.-1 में अपलोड करने के बाद भर जाता है।
नहीं। संरचना करदाताओं को जावक या आवक आपूर्ति के किसी भी विवरण को दर्ज करना आवश्यक नहीं है । उन्हें तिमाही की समाप्ति के बाद वाले माह की 18 तारीख तक फार्म-जीएसटीआर-4 में तिमाही रिर्टन दायर करना होगा। चूंकि वे किसी भी इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र नहीं हैं, उनके लिये जी.एस.टी.आर-2 की कोई प्रासंगिकता नहीं है और जैसा कि वे अपने प्राप्तकर्ता को कोई क्रेडिट पारित नहीं करते, वहाँ उनके लिए जी.एस.टी.आर.-1 की भी कोई प्रासंगिकता नहीं है। अपने रिटर्न में, उन्हें कर के भुगतान के साथ जावक आपूर्तियों के विवरणों के सारांश घोषित करने होंगे। उन्हें अपनी तिमाही रिटर्न पर अपनी खरीदारी के विवरण भी देने होंगे, उनमें से अधिकांश स्वचालित रूप से सिस्टम पर प्राप्त हो जाएंगे।
नहीं, आई.एस.डी. को केवल जी.एस.टी.आर.-6 में एक रिटर्न दायर करना आवश्यक है और रिटर्न में उन्हें सेवा प्रदाताओं से प्राप्त क्रेडिट और सहायक कपनियों को उनके द्वारा वितरित क्रेडिट के विवरण उपलब्ध हैं। चूंकि उनके रिटर्न में इन पहलुओं को शामिल विवरणों को दाखिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
जी.एस.टी. को अंतर्गत, कटौती कर्ता जी.एस.टी.आर.–7 प्रारूप में अपने रिटर्न में दर्शायी गई उन सभी कटौतियों के कटौतीवार विवरण प्रस्तुत करेगा जो उसे कटौती की तारीख के आगामी महीने की 10 तारीख को दाखिल करनी होगी । कटौतीकर्ता द्वारा कटौती के विवरण स्वचालित रूप् से जी.एस.टी.आर-2 में अपलोड हो जाएंगे । करदाता को जी.एस.टी.आर-2 में उसकी ओर से की गई कटौती पर क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए इन विवरणों की पुष्टि करना आवश्यक होगा। इस क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए वह भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में किसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। प्रमाण पत्र केवल करदाता के रिकॉर्ड के लिए रखा जाएगा और आम पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।
आई.एस.टी., अस्थिर/अनिवासी करदाता, संयोजन योजना के अंतर्गत करदाता, टीडीएस/टी.सी.एस. कटौती करने वाले करदाताओं को छोड़कर सभी करदाता जो जी.एस.टी.आर.-1 से 3 में रिटर्न दाखिल करते हैं उन्हें वार्षिक रिटर्न फाइल करना आवश्यक हैं। आकस्मिक करदाताओं, अनिवासी करदाताओं, आई.एस.डी. और स्रोत पर कर की कटौती करने के लिए अधिकृत व्यक्तियों को वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है ।
नहीं, वार्षिक रिटर्न प्रत्येक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा दाखिल करना होगा जो सामान्य रूप में कर का भुगतान करता है या संयुक्त करदाता (कोम्पौन्डिंग टैक्सपेयर) है अंतिम रिटर्न केवल उन पंजीकृत कराधीन व्यक्तियों द्वारा दाखिल किया जाएगा जिन्होंने पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन किया है। इसे रद्द करने की तारीख या रद्द करने के आदेश की तारीख से तीन महीने के भीतर दाखिल करना होगा।
जी.एस.टी. में चूंकि रिटर्न व्यक्तिगत लेन-देन के विवरणों में है। रिटर्न संशोधित करने की जरूरत तभी उत्पन्न हो सकती है जब चालान/बिलों के समूह या डेबिट/क्रेडिट नोट में बदलाव करन आवश्यक है। पहले से ही प्रस्तुत किये रिटर्न को बदलने के बजाय, प्रणाली उन लेनदेन (चालान/बिलों या डेबिट/क्रेडिट नोट्स) के विवरणों में बदलाव करने की अनुमति देगी जिनमें संशोधन करना आवश्यक है। पूर्व में घोषित विवरणों का संशोधन भविष्य में किसी भी जी.एस.टी.आर-1/2 में, संशोधन हेतु दिये गए विशेष कोष्ठकों (टेबल्स) में जानकारी भर कर किया जा सकता है।
करदाताओं के पास विवरणों और रिटर्न दाखिल करने के विभिन्न साधन उपलब्ध होंगे। सबसे पहले, वे अपने विवरण और रिटर्न सीधे आम पोर्टल पर ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, यह करदाताओं के लिये चालान/बिलों की ज्यादा संख्या के कारण जटिल और ज्यादा समय खर्च करने वाला हो सकता है। ऐसे करदाताओं के लिए, स्वचालित उपलब्ध (ऑटो पोपुले टेट) विवरण डाउनलोड करने के बाद ऑफलाइन प्रयोग द्वारा विवरण तैयार करने के बाद उन्हें आम पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है। जी.एस.टी.एन. ने जी.एस.टी. सुविधा प्रदाता (जीएसपी) का एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है जो आम पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा।
जी.एस.टी. के अंर्तगत सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक, अगले महीने की 10 तारीख तक जी.एस.टी.आर-1 में जावक आपूर्ति के विवरण को समय से अपलोड किया जाना है। यह केसे सबसे अच्छा हो वह करदाता द्वारा जारी किये गए बी 2 बी चालानों की संख्या पर निर्भर करेगा। अगर यह संख्या कम है तो करदाता एक ही बार में सारी जानकारी अपलोड कर सकते हैं। अगर इन चालानों की संख्या ज्यादा है तो चालान (या डेबिट, क्रेडिट नोट्स) एक नियमित आधार पर अपलोड किया जाना चाहिए। जी.एस.टी.एन एक वास्तविक समय के आधार पर (रियल टाइम बेसिस) चालान को नियमित रूप से अपलोड की अनुमित देगा। जब तक कि बयान (स्टेटमेंट) वास्तविक रूप से जमा न हो जाए, यह प्रणाली करदाता को अपलोड किये गए चालान को संशोधित करने की अनुमति देगा। अतः करदाताओं द्वारा नियमित रूप से चालान अपलोड करना हमेशा फायदेमंद होगा । आखिरी विफलता और डिफॉल्ट का खतरा उत्पन्न हो सकता है। दूसरी बात, आपूर्तिकर्ताओं के चालान को अपलोड करवाने को करदाताओं द्वारा सुनिश्चित करना चाहिए। यह इनपुट टैक्स क्रेडिट की बिना किसी परेशानी और देरी से उपलब्धता सुनिश्चित करवाने में मददगार होगा।
प्राप्तकर्ता भी नियत तारीख के निकट चालान अपलोड करने की बजाए अपने आपूर्तिकर्ताओं को नियमित आधार पर चालान अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह प्रणाली प्राप्तकर्ताओं को यह देखने की अनुमति भी देगा कि क्या आपूर्तिकर्ता ने उनसे संबद्ध चालान को अपलोड किया है या नहीं। जी.एस.टी.एन. प्रणाली किसी करदाता के अनुपालन के स्तर के बाने में ट्रैक रिकार्ड भी प्रदान करेगा खासकर आपूर्तिकर्ता द्वारा अपने चालानों का समय पर अपलोड किये जाने का ट्रैक रिकॉर्ड जिसमें जारी चालानों में ऑटो रिवर्सल का विस्तृत विवरण हो। जी.एस.टी. के आम पोर्टल में एक ही जगह पर पूरे भारत के आंकड़े और डाटा उपलब्ध होंगे जो करदाता हेतु एक बहुमूल्य सेवा होगी। चालानों के नियमित अपलोड करने की व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु प्रयास चल रहे हैं और आशा की जाती है कि इस दिशा में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो जाएगा। करदाताओं को जी.एस.टी. के दायरे में आसान और परेशानीमुक्त अनुपालन के लिए इस पारिस्थितिकी तंत्र का कुशल उपयोग करना चाहिए।
नहीं, एक पंजीकृत करदाता व्यक्ति अपने रिटर्न विधिवत केन्द्रीय या राज्य कर प्रशासन द्वारा स्वीकृत एक कर रिटर्न प्रिपेयरर के माध्यम से भी दाखिल कर सकता है।
एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति जो निर्धारित तारीख के बाद रिटर्न दाखिल करता है उसे प्रति दिन सौ रूपये विलंब शुल्क देन होगा जो अधिकतम पांच हजार रूपये तक हो सकता है । निर्धारित तिथि तक वार्षिक रिटर्न उपलब्ध न करने पर रू 100/- का विलंब शुल्क प्रतिदिन तब तक वसूला जाएगा जब तक यह विलंब होता है, ऐसी दशा में कि गणना की गई अधिकतम राशि राज्य में उसक कुल बिकी के 0.25 प्रतिशत से ज्यादा न हो।
यदि सिस्टम एक ही दस्तावेज पर एक बार से अधिक लिए गए आई.टी.सी. की खोज करता है, तो ऐसे क्रेडिट की राशि को रिटर्न में प्राप्तकर्ता की उत्पाद कर दायित्व से जोड दिया जाएगा (धारा 42 (6)
हां, त्रुटि पाए जाने वाले माह/तिमाही का वैध रिटर्न में आपूर्तिकर्ता द्वारा, मामले के अनुसार, बीजक या डेबिट नोट के विवरण की घोषणा करके एक बार बेमेल में सुधार हो जाने पर उक्त राशि का पुनः दावा अगले कर अवधि हेतु उत्ताद कर दायित्व घटाकर किया जा सकता है, (धारा 42(7) अधिनियम की धारा 43 के अंतर्गत आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी क्रेडिट नोट के संबंध में भी ऐसे ही प्रावधान बनाए गए है।
स्रोत: भारत सरकार का केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालयअंतिम बार संशोधित : 2/20/2023
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